Sudhanshu Kumar

स्वामी विवेकानन्द की 155वीं जयन्ती। स्वदेश मंत्र

सुप्रभात!

स्वामी विवेकानद की 155वीं जयन्ती की हार्दिक शुभकामनायें।
🙏🙏🙏
युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।


स्वदेश मन्त्र 

हे भारत !

केवल दूसरों की हाँ में हाँ में हाँ मिलाकर, दूसरों की इस क्षूद्र नक़ल के द्वारा, दूसरों का ही मुँह ताकते रहकर........ क्या तू इसी पाथेय के सहारे, सभ्यता और महानता के चरम शिखर पर चढ़ सकेगा? 
क्या तू अपनी इस लज्जास्पद कायरता के द्वारा उस स्वाधीनता को प्राप्त कर सकेगा जिसे पाने के अधिकारी केवल साहसी और वीर है?

हे भारत !

मत भूल, तेरे नारीत्व का आदर्श सीता, सावित्री और दमयन्ती है।  
मत भूल कि तेरे उपास्यदेव देवाधिदेव सर्वस्वत्यागी, उमापति शंकर है।  
मत भूल कि तेरा विवाह, तेरी धन-संपत्ति, तेरा जीवन केवल विषय- सुख के हेतु नहीं है, केवल तेरे व्यक्तिगत सुखोपभोग के लिए नहीं है। 
मत भूल कि तू माता के चरणों में बलि चढ़ने के लिए ही पैदा हुआ हैं।  मत भूल कि तेरी समाज - व्यवस्था उस अनन्त जगज्जननी महामाया की छाया मात्र हैं।  
मत भूल कि नीच, अज्ञानी, दरिद्र, अनपढ़, चमार, मेहतर सब तेरे रक्त मांस के है, वे सब तेरे भाई है।  

ओ वीर पुरुष !
साहस बटोर, निर्भीक बन और गर्व कर कि तू भारतवासी है।  गर्व से घोषणा कर कि "मैं भारतवासी हूँ, प्रत्येक भारतवासी मेरा भाई है। " मुख से बोल, "अज्ञानी भारतवासी, दरिद्र और पीड़ित भारतवासी, ब्राह्मण भारतवासी, चाण्डाल भारतवासी सभी मेरे भाई है।" तू भी एक चिथड़े से अपने तन की लज्जा को ढँक ले और गर्वपूर्वक उच्च-स्वर से उद्धोष कर, "प्रत्येक भारतवासी मेरा भाई है, भारतवासी मेरे प्राण हैं, भारत के देवी-देवता मेरे ईश्वर है।  भारत का समाज मेरे बचपन का झूला, मेरे यौवन की फुलवारी और मेरे बुढ़ापे की काशी है।"

मेरे भाई, 
कह : "भारत की मिटटी मेरा स्वर्ग है, भारत के कल्याण में ही मेरा कल्याण है।" 
अहोरात्र जपा कर, "हे गौरीनाथ ! हे जगदम्बे ! मुझे मनुष्यत्व दो।  हे शक्तिमयी माँ ! मेरी दुर्बलता को हर लो; मेरी कापुरुषता को दूर भगा दो और मुझे मनुष्य बना दो, माँ !"

~ स्वामी विवेकानन्द
Share:

Search

Pages you may love to visit

Popular Posts

Recent Posts

Submit your Work

If you wish to publish your work on this website, you can send your entries directly by email at sidwanshu@gmail.com with Title of your work as Subject of email. An statement of originality of your work or Proper source of the work must be included.
Powered by Blogger.